कलायत। उपमंडल के गांव वजीरनगर में राजकीय माध्यमिक विद्यालय में अस्थायी
आंतरिक व्यवस्था के तहत कार्यरत शिक्षक का तबादला किए जाने से बच्चों,
अभिभावकों व ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के खिलाफ रोष प्रकट किया। ग्रामीणों
और बच्चों ने स्कूल के बाहर खड़े होकर प्रदर्शन करते हुए कहा कि अगर
तबादला रद्द कर शिक्षक को वापस नहीं लाया गया तो वह अपने आंदोलन को जारी
रखने को मजबूर होंगे।
सरपंच भीम सिंह, पंच राजकुमार, राजेश कुमार, गुरमीत सिंह, रणबीर सिंह, जयदेव सिंह, नन्ना राम, सतपाल और दूसरे ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षा विभाग ने ग्रामीणों की मांग पर करीब 2 वर्ष पूर्व गांव की राजकीय प्राथमिक पाठशाला को अपग्रेड कर राजकीय माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया था। स्कूल अपग्रेड होने के बाद पढ़ाई व्यवस्था सुचारु करने के लिए अस्थाई आंतरिक व्यवस्था के तहत शिक्षक मुकेश राणा की नियुक्ति की गई थी। विद्यालय में करीब 200 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसमें एक वर्ष से शिक्षक मुकेश राणा अपनी सेवाएं दे रहे थे, जिससे बच्चे ही नहीं, बल्कि सभी अभिभावक पूरी तरह संतुष्ट थे। कुछ दिनों पहले अध्यापक का यहां से तबादला कर दिया गया, जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर तबादला रुकवाने का प्रयास किया, किंतु वे असफल रहे। आखिर में ग्रामीणों का गुस्सा उग्र हो गया और उन्होंने स्कूल के मुख्य गेट पर खड़े होकर शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। जिला शिक्षा अधिकारी जोगिंद्र हुड्डा ने बताया कि गांव वजीर नगर के स्कूल के अध्यापक का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। पूरे मामले बारे जानकारी ली जाएगी।
सरपंच भीम सिंह ने बताया कि शिक्षक मुकेश राणा बच्चों को पूरी मेहनत से पढ़ाते थे और अन्य गतिविधियों में स्कूल के बच्चों ने नाम कमाया। इतना ही नहीं यह अध्यापक अपने स्तर पर पैसा खर्च करके बच्चों की सुविधाओं का ध्यान रखते थे। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालय में गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उनके द्वारा बच्चों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
सरपंच भीम सिंह, पंच राजकुमार, राजेश कुमार, गुरमीत सिंह, रणबीर सिंह, जयदेव सिंह, नन्ना राम, सतपाल और दूसरे ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षा विभाग ने ग्रामीणों की मांग पर करीब 2 वर्ष पूर्व गांव की राजकीय प्राथमिक पाठशाला को अपग्रेड कर राजकीय माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया था। स्कूल अपग्रेड होने के बाद पढ़ाई व्यवस्था सुचारु करने के लिए अस्थाई आंतरिक व्यवस्था के तहत शिक्षक मुकेश राणा की नियुक्ति की गई थी। विद्यालय में करीब 200 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसमें एक वर्ष से शिक्षक मुकेश राणा अपनी सेवाएं दे रहे थे, जिससे बच्चे ही नहीं, बल्कि सभी अभिभावक पूरी तरह संतुष्ट थे। कुछ दिनों पहले अध्यापक का यहां से तबादला कर दिया गया, जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर तबादला रुकवाने का प्रयास किया, किंतु वे असफल रहे। आखिर में ग्रामीणों का गुस्सा उग्र हो गया और उन्होंने स्कूल के मुख्य गेट पर खड़े होकर शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। जिला शिक्षा अधिकारी जोगिंद्र हुड्डा ने बताया कि गांव वजीर नगर के स्कूल के अध्यापक का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। पूरे मामले बारे जानकारी ली जाएगी।
सरपंच भीम सिंह ने बताया कि शिक्षक मुकेश राणा बच्चों को पूरी मेहनत से पढ़ाते थे और अन्य गतिविधियों में स्कूल के बच्चों ने नाम कमाया। इतना ही नहीं यह अध्यापक अपने स्तर पर पैसा खर्च करके बच्चों की सुविधाओं का ध्यान रखते थे। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालय में गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उनके द्वारा बच्चों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।