योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़ प्रदेश में अध्यापकों के तबादले के लिए नईनीति जल्द लांच कर सकती है सरकारतैयारी
नई पॉलिसी में आईटी की मदद भी ली जा रही है, यह पूरी तरह से पारदर्शी होगी। इसे नेट पर डाला जा सकता है
सभी स्कूलों, स्टाफ की स्थिति को ऑनलाइन देखने की व्यवस्था कर दी है, ताकि कोई भी विभागीय अफसर नेट पर अपडेट डाटा को देखने के बाद में तुरंत ही फैसला ले सकें ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा। एक तय समय पर ही तबादलों का सिलसिला चलेगा पूरे साल नहीं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि नई पॉलिसी पर मंथन चल रहा है। फैसला राज्य की सरकार को करना है।
तीन दशक की नौकरी में पांच-पांच साल गांव से लेकर, ब्लाक सबडिवीजन पर करना होगा काम
नई पालिसी में जिले को 7 से 8 जोन में बांटकर सभी शिक्षकों से काम लिया जाएगा
पालिसी आते ही शहरी स्कूलों में बरसों से जमे शिक्षकों के स्कूलों में होगा फेरबदल
प्रदेश में शिक्षकों के तबादले को लेकर जल्द नईनीति लांच की जाएगी। फाइनल मुहर लगाए जाने से पहले इसके साइड इफेक्ट और अन्य बातों पर मंथन किया जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री मनोहरलाल और शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा पालिसी के ड्राफ्ट को देख चुके हैं। इसी साल इसकी लांचिंग की उम्मीद है। नईनीति लागू होते ही शहर में ही नौकरी करने वाले शिक्षकों को गांव, ब्लाक, उपमंडल, कस्बे से लेकर शहर सभी स्थानों पर अपनी पूरी सर्विस के दौरान चार से पांच-पांच साल एक जोन में लगाने होंगे। सूत्रों के अनुसार नई पॉलिसी के तहत विभिन्न जिलों को सात से लेकर 8 जोनों में बांटकर काम किया जाएगा। औसतन तीन दशक अर्थात तीस साल की सर्विस के दौरान शिक्षक को हर जोन में काम करने का मौका मिलेगा। शहर में पांच साल से ज्यादा जमे रहने वाले शिक्षकों को देहात की ओर जाना होगा। हर जोन में उन्हें चार से पांच साल काम करना होगा। विभाग की नई नीति लागू होने के बाद भी सर्विस रूल्स और बाकी बातों में छूट देने का काम राज्य सरकार ही कर सकती है। विभाग के उच्च अफसर चाहते हैं कि शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले शिक्षकों को हर जोन देखने का मौका मिले। अर्थात गांव की नौकरी से लेकर ब्लाक स्तरखंड स्तर और शहर सटे इलाकों में डयूटी देने वालों गांव की तरफ साथ ही लंबे अर्से से देहात में जमे लोगों को शहर की तरफ भेजा जाएगा। नई पालिसी के बाद ट्रांसफर नोट लेकर घूमने वाले शिक्षकों को ट्रांसफर के लिए राजनेताओं, मंत्रियों, विधायकों के आवास पर चक्कर नहीं लगाने होंगे।

सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
नई पॉलिसी में आईटी की मदद भी ली जा रही है, यह पूरी तरह से पारदर्शी होगी। इसे नेट पर डाला जा सकता है
सभी स्कूलों, स्टाफ की स्थिति को ऑनलाइन देखने की व्यवस्था कर दी है, ताकि कोई भी विभागीय अफसर नेट पर अपडेट डाटा को देखने के बाद में तुरंत ही फैसला ले सकें ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा। एक तय समय पर ही तबादलों का सिलसिला चलेगा पूरे साल नहीं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि नई पॉलिसी पर मंथन चल रहा है। फैसला राज्य की सरकार को करना है।
तीन दशक की नौकरी में पांच-पांच साल गांव से लेकर, ब्लाक सबडिवीजन पर करना होगा काम
नई पालिसी में जिले को 7 से 8 जोन में बांटकर सभी शिक्षकों से काम लिया जाएगा
पालिसी आते ही शहरी स्कूलों में बरसों से जमे शिक्षकों के स्कूलों में होगा फेरबदल
प्रदेश में शिक्षकों के तबादले को लेकर जल्द नईनीति लांच की जाएगी। फाइनल मुहर लगाए जाने से पहले इसके साइड इफेक्ट और अन्य बातों पर मंथन किया जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री मनोहरलाल और शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा पालिसी के ड्राफ्ट को देख चुके हैं। इसी साल इसकी लांचिंग की उम्मीद है। नईनीति लागू होते ही शहर में ही नौकरी करने वाले शिक्षकों को गांव, ब्लाक, उपमंडल, कस्बे से लेकर शहर सभी स्थानों पर अपनी पूरी सर्विस के दौरान चार से पांच-पांच साल एक जोन में लगाने होंगे। सूत्रों के अनुसार नई पॉलिसी के तहत विभिन्न जिलों को सात से लेकर 8 जोनों में बांटकर काम किया जाएगा। औसतन तीन दशक अर्थात तीस साल की सर्विस के दौरान शिक्षक को हर जोन में काम करने का मौका मिलेगा। शहर में पांच साल से ज्यादा जमे रहने वाले शिक्षकों को देहात की ओर जाना होगा। हर जोन में उन्हें चार से पांच साल काम करना होगा। विभाग की नई नीति लागू होने के बाद भी सर्विस रूल्स और बाकी बातों में छूट देने का काम राज्य सरकार ही कर सकती है। विभाग के उच्च अफसर चाहते हैं कि शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले शिक्षकों को हर जोन देखने का मौका मिले। अर्थात गांव की नौकरी से लेकर ब्लाक स्तरखंड स्तर और शहर सटे इलाकों में डयूटी देने वालों गांव की तरफ साथ ही लंबे अर्से से देहात में जमे लोगों को शहर की तरफ भेजा जाएगा। नई पालिसी के बाद ट्रांसफर नोट लेकर घूमने वाले शिक्षकों को ट्रांसफर के लिए राजनेताओं, मंत्रियों, विधायकों के आवास पर चक्कर नहीं लगाने होंगे।

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