चौटाला सरकार में वर्ष 2000 में भर्ती किए गए 3206 जेबीटी
टीचरों को हाईकोर्ट ने फौरी राहत दी है। एकल बेंच द्वारा
नियुक्ति को खारिज करने के खिलाफ दायर याचिका पर
बृहस्पतिवार को डिविजन बेंच ने सुनवाई 10 मई तक स्थगित कर दी।
प्रभावित पक्ष ने डिविजन बेंच को बताया कि इन शिक्षकों को
काम करते हुए पंद्रह साल हो गए हैं। ऐसे में इन्हें हटाना ठीक नहीं है।
कोई ऐसा रास्ता निकाला जाए कि वे बेरोजगार न हों। इससे
पहले भी कई अन्य मामलों में कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश सरकार
द्वारा हटाए गए कर्मचारियों को दूसरे स्थानों पर एडजस्ट किया
जा चुका है। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही किया जाए।
प्रभावित टीचरों के वकील की दलील का विरोध करते हुए
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस भर्ती में धांधली हुई है।
सीबीआइ ने अपनी जांच में यह साबित भी कर दिया और मुख्य
आरोपियों पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला व अन्य को इस
मामले में मिली सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बहाल रखा है। ऐसे में इन
टीचरों को नौकरी पर कैसे रखा जा सकता है।
विदित रहे कि एकल बेंच ने इन टीचरों की नियुक्ति रद करने का
फैसला सुनाते हुए सरकार को नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश
दिया था। जस्टिस के कन्नन ने अपने तीस पेज के आदेश में कुल भर्ती
में से मात्र 221 जेबीटी टीचर की भर्ती रद नहीं की थी।
याचिकाकर्ता का आरोप था कि सीबीआइ जांच में भी साबित
हुआ कि भर्ती में पूर्ण रूप से धांधली हुई व असली सूची को बदलकर
नकली सूची बनाकर चेहतों को नौकरी दी गई। इससे योग्य
उम्मीदवारों का चयन नहीं हो पाया। इसी रिपोर्ट के आधार पर
दिल्ली की सीबीआइ कोर्ट ने सभी दोषियों को सजा सुनाईथी
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
टीचरों को हाईकोर्ट ने फौरी राहत दी है। एकल बेंच द्वारा
नियुक्ति को खारिज करने के खिलाफ दायर याचिका पर
बृहस्पतिवार को डिविजन बेंच ने सुनवाई 10 मई तक स्थगित कर दी।
प्रभावित पक्ष ने डिविजन बेंच को बताया कि इन शिक्षकों को
काम करते हुए पंद्रह साल हो गए हैं। ऐसे में इन्हें हटाना ठीक नहीं है।
कोई ऐसा रास्ता निकाला जाए कि वे बेरोजगार न हों। इससे
पहले भी कई अन्य मामलों में कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश सरकार
द्वारा हटाए गए कर्मचारियों को दूसरे स्थानों पर एडजस्ट किया
जा चुका है। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही किया जाए।
प्रभावित टीचरों के वकील की दलील का विरोध करते हुए
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस भर्ती में धांधली हुई है।
सीबीआइ ने अपनी जांच में यह साबित भी कर दिया और मुख्य
आरोपियों पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला व अन्य को इस
मामले में मिली सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बहाल रखा है। ऐसे में इन
टीचरों को नौकरी पर कैसे रखा जा सकता है।
विदित रहे कि एकल बेंच ने इन टीचरों की नियुक्ति रद करने का
फैसला सुनाते हुए सरकार को नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश
दिया था। जस्टिस के कन्नन ने अपने तीस पेज के आदेश में कुल भर्ती
में से मात्र 221 जेबीटी टीचर की भर्ती रद नहीं की थी।
याचिकाकर्ता का आरोप था कि सीबीआइ जांच में भी साबित
हुआ कि भर्ती में पूर्ण रूप से धांधली हुई व असली सूची को बदलकर
नकली सूची बनाकर चेहतों को नौकरी दी गई। इससे योग्य
उम्मीदवारों का चयन नहीं हो पाया। इसी रिपोर्ट के आधार पर
दिल्ली की सीबीआइ कोर्ट ने सभी दोषियों को सजा सुनाईथी
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC