भास्कर न्यूज | चंडीगढ़/ पानीपत सरप्लसघोषित किए गए 3,581 गेस्ट टीचरों की शुक्रवार को से स्कूलों चुपचाप विदाई हो गई। विभाग की ओर उनकी सेवाएं खत्म करने या आगे जारी रखने के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया। मौलिक शिक्षा निदेशक आरएस खर्ब कहते हैं कि उनके नियुक्ति पत्र पर ही 31 मार्च 2016 तक की अवधि लिखी थी। हाईकोर्ट के
आदेशों के मुताबिक उनकी सेवाएं स्वत: समाप्त मानी जाएंगी। इसी मामले को लेकर कुछ गेस्ट टीचर सुप्रीम कोर्ट भी गए, लेकिन शीर्ष कोर्ट ने तुरंत कोई राहत देने की बजाय हाईकोर्ट में ही पक्ष रखने को कहा। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहले ही इस मामले में 27 अप्रैल की तारीख रखी है।
हाईकोर्ट पहले ही सरप्लस गेस्ट टीचरों की सेवाएं बढ़ाने की सरकार की अर्जी पर राहत देने से इनकार कर चुका है। सरकार ने इनकी सेवाएं अगस्त तक बढ़ाने की अर्जी लगाई थी। इस पर कोर्ट ने मौखिक टिप्पणियां करते हुए कहा था, ‘सरकार बताए कौन सो रहा है, जिसकी वजह से छह महीने में भी नियमित भर्ती नहीं हो पाई। कोर्ट को वोट बैंक से लेना देना नहीं, कानून के अनुसार फैसला होगा।’ इस संबंध में स्टेट रिपोर्ट तलब करते हुए 27 अप्रैल को सुनवाई रखी है। 20 नवंबर 2015 में सरकार की अर्जी पर हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2016 तक गेस्ट टीचरों की सेवाएं बहाल रखने की अनुमति दी थी। इस आदेश में कोर्ट ने कहा था कि इस अवधि के बाद गेस्ट टीचरों की सेवाएं स्वत: समाप्त हो जाएंगी।
सरकारी स्कूलों में लगे कंप्यूटर टीचरों और लैब सहायकों को आखिरी समय में ‘जीवनदान’ मिल गया। इनका अनुबंध 31 मई 2016 तक बढ़ा दिया गया है। गुरुवार को उनका अनुबंध खत्म हो गया था। शिक्षा निदेशालय की तरफ से देर रात अनुबंध बढ़ाने का आदेश आया। हालांकि सरकार ने हाईकोर्ट में शपथपत्र देकर कंप्यूटर टीचर और लैब सहायक पदों पर जल्द नियमित भर्ती करने की बात कही थी। नियमित भर्ती में सरकार की देरी को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी चुकी है। इधर, शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि विभाग विद्यार्थियों के डाटा से लेकर अध्यापकों गैर शैक्षणिक स्टाफ का विस्तृत ब्यौरा कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन करने जा रहा है। सरकारी स्कूलों में जो प्रवेश उत्सव शुरू हुआ है इसमें भी विद्यार्थियों का दाखिला ऑनलाइन किया जाएगा।
हिसार | शिक्षाविभाग की स्थानांतरण के तहत सालों से एक ही स्कूल में जमे शिक्षकों को अब अपना स्थान छोड़ना होगा। हर पांच साल बाद शिक्षक का स्थानांतरण होना अब तय है। इसके लिए विभाग 90 फीसदी शिक्षकों का ऑनलाइन डाटा तैयार कर चुका है। जो शिक्षक पांच साल से एक स्थान पर कार्यरत होगा, उसको विभाग की साइट पर वैकेंट सीट के रूप में दर्शाया जाएगा। नई नीति अप्रैल में लागू होने का अनुमान है। एक बार ट्रांसफर हुआ तो शिक्षक को 10 किलोमीटर से दूर ही भेजा जाएगा। इस योजना के तहत अब शहरों के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों और गांवों से शहरों में भेजा जाएगा। इस बात का विशेष ध्यान रखा है कि ट्रांसफर जोन से बाहर हो। विभाग ने सभी जिलों को जोन में बांटा है।
सरकार ने 31 मार्च 2016 तक पोस्ट ग्रेजुएट टीचरों (पीजीटी) के 8115 पदों पर नियमित भर्ती करने का शपथपत्र हाईकोर्ट में दिया था। लेकिन अभी तक स्क्रीनिंग टेस्ट ही चल रहा है। ऐसे में नियमित भर्ती में अभी समय लगना तय है।
सरप्लस घोषित किए गए गेस्ट टीचर राहत की उम्मीद में सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे। गेस्ट टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री के मुताबिक शीर्ष कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट में ही पक्ष रखने को कहा है। अब शनिवार को गेस्ट टीचर चंडीगढ़ जाएंगे और सरकार से बातचीत करने का प्रयास करेंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
आदेशों के मुताबिक उनकी सेवाएं स्वत: समाप्त मानी जाएंगी। इसी मामले को लेकर कुछ गेस्ट टीचर सुप्रीम कोर्ट भी गए, लेकिन शीर्ष कोर्ट ने तुरंत कोई राहत देने की बजाय हाईकोर्ट में ही पक्ष रखने को कहा। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहले ही इस मामले में 27 अप्रैल की तारीख रखी है।
हाईकोर्ट पहले ही सरप्लस गेस्ट टीचरों की सेवाएं बढ़ाने की सरकार की अर्जी पर राहत देने से इनकार कर चुका है। सरकार ने इनकी सेवाएं अगस्त तक बढ़ाने की अर्जी लगाई थी। इस पर कोर्ट ने मौखिक टिप्पणियां करते हुए कहा था, ‘सरकार बताए कौन सो रहा है, जिसकी वजह से छह महीने में भी नियमित भर्ती नहीं हो पाई। कोर्ट को वोट बैंक से लेना देना नहीं, कानून के अनुसार फैसला होगा।’ इस संबंध में स्टेट रिपोर्ट तलब करते हुए 27 अप्रैल को सुनवाई रखी है। 20 नवंबर 2015 में सरकार की अर्जी पर हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2016 तक गेस्ट टीचरों की सेवाएं बहाल रखने की अनुमति दी थी। इस आदेश में कोर्ट ने कहा था कि इस अवधि के बाद गेस्ट टीचरों की सेवाएं स्वत: समाप्त हो जाएंगी।
सरकारी स्कूलों में लगे कंप्यूटर टीचरों और लैब सहायकों को आखिरी समय में ‘जीवनदान’ मिल गया। इनका अनुबंध 31 मई 2016 तक बढ़ा दिया गया है। गुरुवार को उनका अनुबंध खत्म हो गया था। शिक्षा निदेशालय की तरफ से देर रात अनुबंध बढ़ाने का आदेश आया। हालांकि सरकार ने हाईकोर्ट में शपथपत्र देकर कंप्यूटर टीचर और लैब सहायक पदों पर जल्द नियमित भर्ती करने की बात कही थी। नियमित भर्ती में सरकार की देरी को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी चुकी है। इधर, शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि विभाग विद्यार्थियों के डाटा से लेकर अध्यापकों गैर शैक्षणिक स्टाफ का विस्तृत ब्यौरा कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन करने जा रहा है। सरकारी स्कूलों में जो प्रवेश उत्सव शुरू हुआ है इसमें भी विद्यार्थियों का दाखिला ऑनलाइन किया जाएगा।
हिसार | शिक्षाविभाग की स्थानांतरण के तहत सालों से एक ही स्कूल में जमे शिक्षकों को अब अपना स्थान छोड़ना होगा। हर पांच साल बाद शिक्षक का स्थानांतरण होना अब तय है। इसके लिए विभाग 90 फीसदी शिक्षकों का ऑनलाइन डाटा तैयार कर चुका है। जो शिक्षक पांच साल से एक स्थान पर कार्यरत होगा, उसको विभाग की साइट पर वैकेंट सीट के रूप में दर्शाया जाएगा। नई नीति अप्रैल में लागू होने का अनुमान है। एक बार ट्रांसफर हुआ तो शिक्षक को 10 किलोमीटर से दूर ही भेजा जाएगा। इस योजना के तहत अब शहरों के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों और गांवों से शहरों में भेजा जाएगा। इस बात का विशेष ध्यान रखा है कि ट्रांसफर जोन से बाहर हो। विभाग ने सभी जिलों को जोन में बांटा है।
सरकार ने 31 मार्च 2016 तक पोस्ट ग्रेजुएट टीचरों (पीजीटी) के 8115 पदों पर नियमित भर्ती करने का शपथपत्र हाईकोर्ट में दिया था। लेकिन अभी तक स्क्रीनिंग टेस्ट ही चल रहा है। ऐसे में नियमित भर्ती में अभी समय लगना तय है।
सरप्लस घोषित किए गए गेस्ट टीचर राहत की उम्मीद में सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे। गेस्ट टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री के मुताबिक शीर्ष कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट में ही पक्ष रखने को कहा है। अब शनिवार को गेस्ट टीचर चंडीगढ़ जाएंगे और सरकार से बातचीत करने का प्रयास करेंगे।
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