भास्करन्यूज | यमुनानगर शिक्षा विभाग द्वारा पदोन्नत अध्यापकों का दूसरे जिले में तबादला किए
जाने की नीति का हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने विरोध कर दिया। मंगलवार
को शिक्षकों ने लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम डीसी
को ज्ञापन दिया। जिसमें नई तबादला नीति में बदलाव करने की मांग की गई।
मंगलवार को अनाज मंडी गेट पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के बैनर तले शिक्षक एकत्रित हुए। इस दौरान जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी ने कहा कि सरकार ने जो नई नीति लागू की है। उसमें भ्रष्टाचार की बू रही है। यह नीति सरकार के ही 30 अप्रैल को जारी पॉलिसी का उल्लंघन कर रही है। इसलिए इस नीति में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने शिक्षकों की तबादला नीति में बदलाव नहीं किया, तो सभी शिक्षक एकजुट होकर आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। इस दौरान शिक्षकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। जिसके बाद छह सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन डीसी को दिया गया। ज्ञापन में कहा गया कि सभी पदोन्नत अध्यापकों को एक तरफा जो स्टेशन दिए गए हैं, उन्हें रद्द कर दिया जाए। अभी जो वरिष्ठ अध्यापक पदोन्नति से वंचित रह गए हैं। उनकी सूची जारी की जाए। इसके अलावा मांग की गई है कि मेवात कैडर अलग बन चुका है। इसलिए 20 जिलों के किसी भी अध्यापक को जबरन वहां भेजा जाए। जो शिक्षक शैक्षणिक आधार पर पदोन्नति नहीं लेना चाहते हैं। उन्हें जबरन वर्तमान कार्यभार से मुक्त किया जाए। इस दौरान जगपाल, यशपाल, प्रमोद, गोविंद, सुनीता सैनी, अंजू नय्यर, गुरविंद्र, लवलीन, संजय कुमार, प्रवीण खदरी मौजूद रहे।
अंतरजिला स्थानांतरण नीति को लेकर भी दिया ज्ञापन : शिक्षकोंने अंतरजिला स्थानांतरण नीति को लेकर भी डीसी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया कि जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से मनमर्जी से शिक्षकों को विद्यालय देने का अधिकार वापस लिया जाए। मेवात जिले से जिल अध्यापकों को तबादला किया गया है। उनको भी सभी के साथ नए जिले में कार्य ग्रहण करवाया जाए। जिला स्थानांतरण से वंचित रहे शिक्षकों का रिक्त स्थानों के समक्ष तबादला किया जाए।
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मंगलवार को अनाज मंडी गेट पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के बैनर तले शिक्षक एकत्रित हुए। इस दौरान जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी ने कहा कि सरकार ने जो नई नीति लागू की है। उसमें भ्रष्टाचार की बू रही है। यह नीति सरकार के ही 30 अप्रैल को जारी पॉलिसी का उल्लंघन कर रही है। इसलिए इस नीति में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने शिक्षकों की तबादला नीति में बदलाव नहीं किया, तो सभी शिक्षक एकजुट होकर आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। इस दौरान शिक्षकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। जिसके बाद छह सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन डीसी को दिया गया। ज्ञापन में कहा गया कि सभी पदोन्नत अध्यापकों को एक तरफा जो स्टेशन दिए गए हैं, उन्हें रद्द कर दिया जाए। अभी जो वरिष्ठ अध्यापक पदोन्नति से वंचित रह गए हैं। उनकी सूची जारी की जाए। इसके अलावा मांग की गई है कि मेवात कैडर अलग बन चुका है। इसलिए 20 जिलों के किसी भी अध्यापक को जबरन वहां भेजा जाए। जो शिक्षक शैक्षणिक आधार पर पदोन्नति नहीं लेना चाहते हैं। उन्हें जबरन वर्तमान कार्यभार से मुक्त किया जाए। इस दौरान जगपाल, यशपाल, प्रमोद, गोविंद, सुनीता सैनी, अंजू नय्यर, गुरविंद्र, लवलीन, संजय कुमार, प्रवीण खदरी मौजूद रहे।
अंतरजिला स्थानांतरण नीति को लेकर भी दिया ज्ञापन : शिक्षकोंने अंतरजिला स्थानांतरण नीति को लेकर भी डीसी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया कि जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से मनमर्जी से शिक्षकों को विद्यालय देने का अधिकार वापस लिया जाए। मेवात जिले से जिल अध्यापकों को तबादला किया गया है। उनको भी सभी के साथ नए जिले में कार्य ग्रहण करवाया जाए। जिला स्थानांतरण से वंचित रहे शिक्षकों का रिक्त स्थानों के समक्ष तबादला किया जाए।
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