प्रदेश के करीब 2600 कंप्यूटर टीचर्स नौकरी बहाली की मांग को लेकर एक बार फिर से कंप्यूटर टीचर्स सड़कों पर उतर आएं है। बुधवार को प्रदेश भर से आए भारी संख्या में टीचरों ने शिक्षा सदन का घेराव किया। टीचरों ने शिक्षा सदन को घेर कर सरकर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यहां तैनात पुलिस द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की गई। प्रदर्शन कर रहे टीचरों की मुलाक़ात शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त पीके दास से करवाई गई।
लेकिन कोई बात नहीं बन पाई और दास ने आगे अनुबंध बढाने से मना करते हुए सरकार पर फैसला छोड़ दिया। संघ के प्रधान बलराम धीमान ने बताया कि बार बार नौकरी से निकाले जाने से खफा प्रदेश के कंप्यूटर टीचर्स और सरकार में एक बार फिर से टकराव बढ़ने के आसार नजर आने लगे हैं। जब भर्ती पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है और हो सकता है कानूनी पचड़े की वजह से भर्ती प्रक्रिया लंबे समय तक लटक सकती है तो ऐसे में बच्चों को शिक्षा से दूर रखना सरकार की बेवजह की जिद्द होगी। फिलहाल जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता तब तक वर्तमान में कार्य कर रहे टीचर्स से काम चलाया जा सकता है, सरकार के पास शिक्षक है और काम करने को भी तैयार है फिर भी अगर सरकार हल नहीं निकाल पाती तो ये सरकार की बड़ी नाकामी होगी। जहां एक तरफ केंद्र में मोदी सरकार डिजिटल इंडिया को लेकर दिन रात एक किए है। वहीं, हरियाणा की मनोहर सरकार बिना टीचर्स के ही प्रदेश को डिजिटल बनाने के सपने देख रही है। यह पहली बार नहीं हुआ कि प्रदेश में कंप्यूटर टीचर्स सड़क पर आए हो, इससे पहले पिछले साल पंचकूला में इन टीचर्स के आन्दोलन को भला कौन भूल सकता है।
शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त से मिले कम्प्यूटर टीचर्स।
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लेकिन कोई बात नहीं बन पाई और दास ने आगे अनुबंध बढाने से मना करते हुए सरकार पर फैसला छोड़ दिया। संघ के प्रधान बलराम धीमान ने बताया कि बार बार नौकरी से निकाले जाने से खफा प्रदेश के कंप्यूटर टीचर्स और सरकार में एक बार फिर से टकराव बढ़ने के आसार नजर आने लगे हैं। जब भर्ती पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है और हो सकता है कानूनी पचड़े की वजह से भर्ती प्रक्रिया लंबे समय तक लटक सकती है तो ऐसे में बच्चों को शिक्षा से दूर रखना सरकार की बेवजह की जिद्द होगी। फिलहाल जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता तब तक वर्तमान में कार्य कर रहे टीचर्स से काम चलाया जा सकता है, सरकार के पास शिक्षक है और काम करने को भी तैयार है फिर भी अगर सरकार हल नहीं निकाल पाती तो ये सरकार की बड़ी नाकामी होगी। जहां एक तरफ केंद्र में मोदी सरकार डिजिटल इंडिया को लेकर दिन रात एक किए है। वहीं, हरियाणा की मनोहर सरकार बिना टीचर्स के ही प्रदेश को डिजिटल बनाने के सपने देख रही है। यह पहली बार नहीं हुआ कि प्रदेश में कंप्यूटर टीचर्स सड़क पर आए हो, इससे पहले पिछले साल पंचकूला में इन टीचर्स के आन्दोलन को भला कौन भूल सकता है।
शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त से मिले कम्प्यूटर टीचर्स।
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