कनीना (विजय): कनीना के बाबा मोलहड़ नाथ पार्क में मा. रमाकांत के नेतृत्व में जे.बी.टी. अध्यापक एकत्रित हुए। जिन्होंंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि शिक्षक तबादला नीति के तहत जल्द ही दूसरी लिस्ट इंटर डिस्ट्रिक नहीं निकाली गई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से लागू की जा रही शिक्षक तबादला नीति से प्रदेश के 1800 जे.बी.टी. शिक्षक परेशान हो रहे हैं। प्रदेश के 1800 जे.बी.टी. शिक्षकों को तबादले से वंचित रहना पड़ रहा है।
जिसे लेकर वे नई तबादला नीति को अभिशाप मान रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बीते समय जारी पत्र क्रमांक 13-6-2015 ई.टी. 1-2 दिखाते हुए उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत 10 वर्ष बाद जे.बी.टी. शिक्षकों को अपने गृह जिले में सेवा करने का मौका मिलने की संभावना बनी थी लेकिन प्रदेश सरकार ने राजनीतिक चाल चलते हुए एस.सी., बी.सी.-ए, बी.सी.-बी, सामान्य कैटेगरी के उमीदवारों के रोस्टर बनाकर रखे। जिसके तहत प्रदेश के केवल 1,588 जे.बी.टी. अध्यापकों को ही अपने गृह जिलों में जाने का मौका मिल पाया। 1 अप्रैल 2016 को जारी सरकार के आदेशों के अनुसार रोस्टर वाले शिक्षकों को लाभ मिला। इससे पूर्व अतिथि अध्यापकों का तबादलों पर विचार किया गया जिसके चलते करीब 3,350 शिक्षकों का तबादला हो रहा था लेकिन सरकार ने न तो गैस्ट टीचर्स के तबादले किए और न ही रोस्टर खत्म किया। जिससे प्रदेश के करीब 1,800 जे.बी.टी. शिक्षक घर से 200 किलोमीटर दूर सेवा देने पर मजबूर हैं।
जबकि शिक्षा मंत्री महेंद्रगढ़ जिले के हैं। करीब 180 शिक्षक 250 किलोमीटर दूर सेवा देने पर मजबूर हैं। रेवाड़ी, महेंद्रगढ, भिवानी के जे.बी.टी. अध्यापक इस बात को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से मिल चुके हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने इन सब बातों के खिलाफ तबादला नीति कि प्रति जलाई। अध्यापकों ने कहा कि सरकार उनको सुविधा देने की बजाय जिंस न पहनने का तुगलकी फरमान जारी कर रही है। जे.बी.टी. शिक्षकों ने अपने गृह जिले में बदली करने की मांग की है। इस अवसर पर कंवर सिंह, राजेश, सुरेंद्र सिंह, आशीष पी.टी.आई., सुनील कुमार, राजपाल, बीरेंद्र, विद्याधर आदि अध्यापक हाजिर थे।
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उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से लागू की जा रही शिक्षक तबादला नीति से प्रदेश के 1800 जे.बी.टी. शिक्षक परेशान हो रहे हैं। प्रदेश के 1800 जे.बी.टी. शिक्षकों को तबादले से वंचित रहना पड़ रहा है।
जिसे लेकर वे नई तबादला नीति को अभिशाप मान रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बीते समय जारी पत्र क्रमांक 13-6-2015 ई.टी. 1-2 दिखाते हुए उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत 10 वर्ष बाद जे.बी.टी. शिक्षकों को अपने गृह जिले में सेवा करने का मौका मिलने की संभावना बनी थी लेकिन प्रदेश सरकार ने राजनीतिक चाल चलते हुए एस.सी., बी.सी.-ए, बी.सी.-बी, सामान्य कैटेगरी के उमीदवारों के रोस्टर बनाकर रखे। जिसके तहत प्रदेश के केवल 1,588 जे.बी.टी. अध्यापकों को ही अपने गृह जिलों में जाने का मौका मिल पाया। 1 अप्रैल 2016 को जारी सरकार के आदेशों के अनुसार रोस्टर वाले शिक्षकों को लाभ मिला। इससे पूर्व अतिथि अध्यापकों का तबादलों पर विचार किया गया जिसके चलते करीब 3,350 शिक्षकों का तबादला हो रहा था लेकिन सरकार ने न तो गैस्ट टीचर्स के तबादले किए और न ही रोस्टर खत्म किया। जिससे प्रदेश के करीब 1,800 जे.बी.टी. शिक्षक घर से 200 किलोमीटर दूर सेवा देने पर मजबूर हैं।
जबकि शिक्षा मंत्री महेंद्रगढ़ जिले के हैं। करीब 180 शिक्षक 250 किलोमीटर दूर सेवा देने पर मजबूर हैं। रेवाड़ी, महेंद्रगढ, भिवानी के जे.बी.टी. अध्यापक इस बात को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से मिल चुके हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने इन सब बातों के खिलाफ तबादला नीति कि प्रति जलाई। अध्यापकों ने कहा कि सरकार उनको सुविधा देने की बजाय जिंस न पहनने का तुगलकी फरमान जारी कर रही है। जे.बी.टी. शिक्षकों ने अपने गृह जिले में बदली करने की मांग की है। इस अवसर पर कंवर सिंह, राजेश, सुरेंद्र सिंह, आशीष पी.टी.आई., सुनील कुमार, राजपाल, बीरेंद्र, विद्याधर आदि अध्यापक हाजिर थे।
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