शिक्षा विभाग द्वारा पिछले कुछ महिनों से लगातार शिक्षकों के स्थानांतरण किए
जा रहे हैं। जोकि कुछ लोगों के लिए लाभदायक है तो कुछ को नुकसानदायक। इससे
कुछ स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने के बाद भी अधिक शिक्षक पहुंच गए
है और कुछ में बच्चों की संख्या अधिक है वहां शिक्षक कम पहुंचे हैं।
इनमें कुछ अध्यापक ऐसे भी हैं जो पोर्टल पर डाटा अपडेट नहीं करवा सके। अब वह पोर्टल का दोबारा खुलने का इंतजार करने को मजबूर हैं।
प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया अभियान के तहत पूरे देश में कंपयूटर से कार्य करने की रफ्तार काफी अधिक बढ़ गई है। इसके लिए सभी सरकारी विभागों का डाटा डिजिटल किया जा रहा है। इसी कड़ी में हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा युद्घ स्तर पर तबादला प्रर्किया को किया जा रहा है। लेकिन इस प्रर्किया में कुछ कार्य तो अच्छे हो रहे हैं। लेकिन कुछ कार्य दूसरों के लिए परेशानी का बन गए हैं। इसका खामियाजा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। पिछले दिनों जेबीटी अध्यापकों के तबादले किए गए थे। इस दौरान अम्बाला में भी बढ़े पैमाने पर जेबीटी अध्यापकों के तबादले हुए। लेकिन इसमें कुछ स्कूलों में जरूरत से ज्यादा शिक्षक पहुंच गए तो कुछ स्कूल बिना शिक्षक के ही रह गए। कई स्कूलों में पहले ही एक या दो अध्यापक थे जो तबादला नीति के तहत किसी दूसरे स्कूल में ज्वाइन कर चुके हैं। तबादला प्रणाली के जानकार कुछ अध्यापकों को कहना है कि सरकार द्वारा जो तबादला नीति बनाई गई है वह काफी सराहनीय है।
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