सरकारी स्कूलों में सरकारी नौकरी करने वाले अध्यापक प्राइवेट तौर पर ट्यूशन
करते पकड़े गए तो उनकी खैर नहीं है। शिक्षा विभाग की ओर से ऐसे अध्यापकों
को सस्पेंड भी किया जा सकता है।
हाल ही में विभाग की ओर से प्राप्त निर्देशों को जिले के स्कूल मुखियों को भेज दिया गया है और निर्देश जारी किए गए हैं कि अध्यापकों पर नजर रखी जाए ताकि अध्यापक स्कूल में छुट्टी के बाद निजी तौर पर ट्यूशन पढ़ाएं। इसके लिए अध्यापक से शिक्षा विभाग को निजी तौर पर हलफनामा दायर करना पड़ेगा। जिसके आधार पर शिक्षा विभाग कार्रवाई को अमल में ला सकता है। माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग की ओर से 14 वर्षों के बाद इतनी सख्ती दिखाई गई है जबकि वर्ष 2002 में शिक्षा विभाग की ओर से निजी ट्यूशन पढ़ाने वालों के विरुद्ध कड़ा एक्शन तक लिया गया था।
विभाग की ओर से निर्देशों में साफ किया गया है कि सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को किसी प्रकार की प्राइवेट ट्यूशन की अनुमति नहीं है। जिला स्तर पर विभाग को निर्देश मिलने के बाद इसे सभी स्कूल मुखियों को भेज दिया गया है।
टीचर मोटी रकम बटौर रहे
कईसरकारी अध्यापक घरों में कोचिंग सेंटर चला रहे हैं जिसमें अपने विषय मैथ और साइंस आदि में माहिर सरकारी अध्यापक छात्रों को निजी ट्यूशन देकर मोटी रकम बटौर रहे हैं। विभाग के पास ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया जोकि विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठा रहा है।
शिकायत के बाद कार्रवाई
शिक्षाविभाग के पास कई ऐसे मामलों में शिकायत पहुंची कि कई अध्यापक स्कूल से छुट्टी करने के बाद अपने घरों पर ट्यूशन का काम करते हैं। बच्चों को ट्यूशन के लिए उकसाया जाता है। निरंतर ऐसी शिकायतें मिलने के बाद विभाग की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है।
अभी विभाग के पास कोइ भी शिकायत नहीं आई है
^डीजीएसईकी ओर से जारी की गई हिदायतों के प्रति जिले के सभी स्कूलों को आगाह कर दिया गया है। अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है और ही विभाग को कोई शिकायत प्राप्त हुई। इंदूसिमक, डीईओ, सेकंडरी, संगरूर
विभाग के आदेश
हाल ही में विभाग की ओर से प्राप्त निर्देशों को जिले के स्कूल मुखियों को भेज दिया गया है और निर्देश जारी किए गए हैं कि अध्यापकों पर नजर रखी जाए ताकि अध्यापक स्कूल में छुट्टी के बाद निजी तौर पर ट्यूशन पढ़ाएं। इसके लिए अध्यापक से शिक्षा विभाग को निजी तौर पर हलफनामा दायर करना पड़ेगा। जिसके आधार पर शिक्षा विभाग कार्रवाई को अमल में ला सकता है। माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग की ओर से 14 वर्षों के बाद इतनी सख्ती दिखाई गई है जबकि वर्ष 2002 में शिक्षा विभाग की ओर से निजी ट्यूशन पढ़ाने वालों के विरुद्ध कड़ा एक्शन तक लिया गया था।
विभाग की ओर से निर्देशों में साफ किया गया है कि सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को किसी प्रकार की प्राइवेट ट्यूशन की अनुमति नहीं है। जिला स्तर पर विभाग को निर्देश मिलने के बाद इसे सभी स्कूल मुखियों को भेज दिया गया है।
टीचर मोटी रकम बटौर रहे
कईसरकारी अध्यापक घरों में कोचिंग सेंटर चला रहे हैं जिसमें अपने विषय मैथ और साइंस आदि में माहिर सरकारी अध्यापक छात्रों को निजी ट्यूशन देकर मोटी रकम बटौर रहे हैं। विभाग के पास ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया जोकि विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठा रहा है।
शिकायत के बाद कार्रवाई
शिक्षाविभाग के पास कई ऐसे मामलों में शिकायत पहुंची कि कई अध्यापक स्कूल से छुट्टी करने के बाद अपने घरों पर ट्यूशन का काम करते हैं। बच्चों को ट्यूशन के लिए उकसाया जाता है। निरंतर ऐसी शिकायतें मिलने के बाद विभाग की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है।
अभी विभाग के पास कोइ भी शिकायत नहीं आई है
^डीजीएसईकी ओर से जारी की गई हिदायतों के प्रति जिले के सभी स्कूलों को आगाह कर दिया गया है। अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है और ही विभाग को कोई शिकायत प्राप्त हुई। इंदूसिमक, डीईओ, सेकंडरी, संगरूर
विभाग के आदेश