लंबे समय से रेगुलराइजेशन को लेकर संघर्ष कर रहे टीचरों को सरकार ने दशहरे
का तोहफा दिया है। कैबिनेट ने एसएसए, रमसा और आदर्श व मॉडल स्कूलों में
कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे 8886 टीचरों को रेगुलर करने को हरी झंडी दी है।
इनमें सर्व शिक्षा अभियान के 7356, रमसा के 1194, मॉडल स्कूलों के 220 और
आदर्श स्कूलों के 116 टीचर शामिल हैं।
कैबिनेट सब कमेटी ने शिक्षा विभाग से इन पदों को पैदा कर सभी टीचरों,
मुलाजिमों का विलय करके इनकी सेवाएं रेगुलर करने की सिफारिश की थी। इनको
तीन साल के लिए 10300 रुपये प्रतिमाह भुगतान की सिफारिश की गई थी। लेकिन
कैबिनेट ने इन्हें 15000 प्रतिमाह वेतन देने का फैसला किया है। तीन साल की
सफलतापूर्वक सेवा के बाद इन्हें विभाग में रेगुलर कर दिया जाएगा।
कमेटी ने सिफारिश की है कि इनकी सीनियॉरिटी रेगुलर होने की तारीख से
निर्धारित की जाएगी। ऐसे टीचरों व मुलाजिमों को अपना ऑप्शन देने को 15 दिन
का समय दिया जाएगा। विभाग की ओर से इनकी अंतर-वरिष्ठता बरकरार रखी जाएगी।
यदि ऑप्शन 15 दिन के बाद दी जाती है तो वरिष्ठता की तारीख ऑप्शन हासिल करने
की तारीख के आधार पर तय होगी।
सभी टीचरों, मुलाजिमों को यह ऑप्शन दी जा सकती है कि वे अपनी सेवाएं विभाग
में विलय के साथ नियमित करवाएं या संबंधित सोसाइटी में सेवा जारी रख सकते
हैं। अगर वे सोसाइटी में ही सेवा जारी रखने का ऑप्शन चुनते हैं तो उनको
मौजूदा वेतन मिलता रहेगा। भविष्य में की जाने वाली सभी भर्तियां केंद्र
सरकार के पे-स्केल पर होंगी।