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19 मार्च से पहले बनाई गईं 7 हजार अनधिकृत कॉलोनियां होंगी रेगुलर

चंडीगढ़. पंजाब कैबिनेट ने बुधवार को 19 मार्च 2018 से पहले बनी अनधिकृत काॅलोनियों, बिल्डिंग और प्लॉटों को रेगुलर करने की नीति को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से अनधिकृत कॉलोनियों को कंपाउंडिंग कराने के लिए पहले से जारी नीतियों के अधीन जो कॉलोनाइजर आवेदन नहीं कर सके थे, उन्हें एक और मौका दिया जाएगा।


इस नीति के तहत इन कॉलोनियों में रहने वालों को सीवरेज, पानी, सड़क, बिजली जैसी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। पहले की नीतियों के तहत भुगतान किए गए रेगुलराइजेशन चार्ज को एडजस्ट किया जाएगा। 9 अक्टूबर को हाऊसिंग एंड अर्बन डेवलेपमेंट मिनिस्टर तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा की अगुवाई में होने वाली मीटिंग में तय हाेगा कि ये काम कैसे किया जाए।

सूबे में अभी 7 हजार से ज्यादा अनधिकृत काॅलोनियां हैं। किसी भी कॉलोनी से वसूले जाने वाले चार्ज का प्रयोग सिर्फ उसी कॉलोनी में बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने में होगा। इसका भुगतान किस्तों में होगा। अवैध कॉलोनियों और उनमें स्थित प्लॉटों को रेगुलर करने के लिए अफसरों की कमेटियां गठित की जाएंगी। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन भी कॉलोनी रेगुलर करवाने को आवेदन कर सकेंगी।


कॉलाेनियों को चार कैटेगरी में बांटा : इन काॅलोनियों को 4 श्रेणियों में बांटा गया है। जहां 25% प्लॉट बिके, 25 से 50% , 50 से 75 और जहां 75 %से ज्यादा एरिया बना हो। अगर कोलोनाइजर ने इकरारनामे ही बिक्री के सबूत के तौर पर पेश किए हैं तो निवेशक को अस्थायी रेगुलराइजेशन सर्टिफिकेट के लिए तीन माह में इकरारनामा पेश करना होगा।

आगे क्या : 9 अक्टूबर को तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के नेतृत्व में मीटिंग होगी। इसमें देखा जाएगा कि इन कॉलोनियों में कितने मकान बने हैं। एमसी की हद के बाहर कितनी काॅलोनियां या मकान हैं। इसी पर इनकी फीस तय होगी।

8,886 टीचर्स होंगे रेगुलर, 3 साल प्रोबेशन के दौरान मिलेगी 15 हजार रुपए सैलरी : कैबिनेट ने एसएसए, रमसा और आदर्श व मॉडल स्कूलों में काम कर रहे 8,886 टीचर्स की सेवाएं रेगुलर करने को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट सब कमेटी ने शिक्षा विभाग से इन पदों को सृजित कर सभी टीचर्स का विलय कर इन्हें रेगुलर कर तीन साल के लिए प्रोबेशन पर रख 10,300 सैलरी देने की सिफारिश की थी।

लेकिन कैबिनेट ने 15,000 मासिक सैलरी देने का फैसला किया है। तीन साल की सफलतापूर्वक सेवा के बाद इन्हें रेगुलर कर दिया जाएगा। सभी को यह ऑप्शन दी जा सकती है कि वे अपनी सेवाएं विभाग में विलय के साथ नियमित करवाएं या संबंधित सोसायटी में सेवा जारी रख सकते हैं। अगर वे सोसायटी की ही ऑप्शन चुनते हैं तो उन्हें मौजूदा वेतन मिलता रहेगा। वे 15 दिन में पसंद की ऑप्शन दे सकते हैं।


3 से 4 गुना तक कम हो जाएगी मौजूदा सैलरी : फैसले से टीचर्स खुश नहीं है। उनका कहना है कि इस फैसले से उन्हें नुकसान ही उठाना पड़ेगा। कर्मचारी नेता आशीष का कहना है कि एसएसए और रमसा टीचर्स अभी करीब 45,000 सैलरी ले रहे हैं, जबकि आदर्श माॅडल स्कूल्स के तहत काम करने वाले 60 हजार।


अब जिन टीचर्स को रेगुलर किया जाएगा, उन्हें 3 साल 15 हजार सैलरी मिलेगी। ऐसे में उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। सरकार इनका इस्तेमाल करने के मूड में है। उस समय अगली सरकार बनाने के लिए टीचर्स को रेगुलर करने का लालच देकर वोटबैंक के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।

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