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हरियाणा सरकार ने शिक्षक तबादला पॉलिसी में किया संशोधन, जानिए

 हरियाणा सरकार ने हाल ही में शिक्षक तबादला पालिसी में संशोधन किया है। जरूरी बात ये है कि अब अतिथि, अनुबंध और एडहाक शिक्षकों को ट्रांसफर ड्राइव के बाद रिक्त बचे पदों पर समायोजित करने के लिए विशेष ड्राइव चलाई जाएगी। इस कड़ी में निदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग की ओर से निदेशक एससीईआरटी गुरुग्राम व प्रदेश के सभी डीईओ, डीईईओ, डाइट प्राचार्य, बाइट प्राचार्य व बीईओ को पत्र भी जारी किया जा चुका है। साथ ही निदेशालय ने पदोन्नति मामले तीन दिन में भेजने के निर्देश जारी कर दिए है।

ये किए गए संशोधन-

  • नियमित अध्यापक, एडहाक और अतिथि अध्यापकों (गेस्ट टीचर्स सर्विस एक्ट-2019, अधिसूचना 12 मार्च 2019) को शामिल किया जाना है।
  • जिस पद पर शिक्षक तैनात हो और वह ट्रांसफर ड्राइव में हिस्सा लेने चाहता हो और उसे उस स्थान या जोन पर पांच साल का समय पूरा हो गया हो। उस पद को रिक्त माना जाएगा। इनमें अतिथि, अनुबंध व एडहाक शिक्षक भी शामिल होंगे।
  • दृष्टि और अपंगता से संबंधित श्रेणी के शिक्षकों को 31 से 50 फीसद तक 10 नंबर, 50 से 75 फीसद तक 20 नंबर व 75 फीसद से ऊपर होने पर 80 नंबर का लाभ मिलेगा। वहीं बोलने सुनने में असमर्थ शिक्षकों को श्रेणी में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्हें पहले की तरह ही अंकों का लाभ प्राप्त होता रहेगा।
  • वहीं ट्रांसफर ड्राइव के बाद एक विशेष ड्राइव चलाया जाएगा। जिसमें अतिथि, अनुबंध, एडहाक के शिक्षकों को शामिल किया जाएगा। उन्हें ट्रांसफर ड्राइव के बाद बचे पदों पर नियुक्ति का मौका प्राप्त होगा। बता दें कि तब तक उन्हें स्कूल से रिलीव नहीं किया जाएगा। जब तक उनका नए स्टेशन पर समायोजन नहीं हो जाएगा।

ट्रांसफर ड्राइव में सभी शिक्षकों द्वारा भाग लिया जाएगा। जिसके चलते अब इसमें किसी भी तरह के ठहराव की बाध्यता खत्म कर दी गई है।

वहीं निदेशालय ने सभी डीईओ व निदेशक स्कूल शिक्षा विभाग यूटी चंडीगढ़ को पत्र भेज मास्टर वर्ग की एक जुलाई 2020 की वरिष्ठता सूची के मुताबिक योग्य टीजीटी अंग्रेजी व टीजीटी एसएस से पीजीटी अंग्रेजी, भूगोल, मनोविज्ञान, राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, अर्थशास्त्र और इतिहास के पद पर पदोन्नति होनी है।

इसी के चलते पदोन्नति मामले निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए जा चुके हैं। बता दें कि अभी तक उक्त मामले अधिकारियों की ओर से निदेशालय को नहीं भेजे गए हैं। वहीं अब अधिकारियों को उनकी नवीनतम जांच, शिकायत व कोर्ट केस लंबित न होने बारे प्रमाण पत्र और पूरी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट अपनी टिप्पणी व सिफारिश के साथ तीन दिन के भीतर भेजनी होगी।

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