जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: दाखिलों को लेकर शिक्षा निदेशालय व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी किए गए अलग-अलग आदेशों से शिक्षकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
शिक्षा निदेशालय की ओर से जहां परिवार पहचान पत्र के माध्यम से दाखिले करने के निर्देश दिए हुए हैं। वहीं हाल ही में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी की ओर से दाखिले में जन्मप्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से शामिल करने के आदेश दिए गए हैं ताकि विद्यार्थियों के जन्म प्रमाण पत्र तथा अंकतालिका में जन्मतिथि, नाम, माता-पिता का नाम आदि विवरण एक समान हो। विद्यालय बोर्ड परीक्षाओं के लिए इस डाटा के आधार पर आवेदन किया जाता है। बोर्ड भी विद्यालय के डाटा के आधार पर अपने यहां विद्यार्थियों का विवरण दर्ज करता है।परिवार पहचान पत्र के माध्यम से हो रहे हैं दाखिले:
विभागीय शिक्षकों के अनुसार वर्तमान में विद्यार्थियों के दाखिले एमआइएस पोर्टल पर परिवार पहचान पत्र के माध्यम से किए जा रहे हैं। एमआइएस पोर्टल पर दाखिले के समय परिवार पहचान पत्र के नंबर डालने के पश्चात पोर्टल स्वत: ही विद्यार्थियों के डाटा उठाया रहा है। वहीं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के नए आदेशों के अनुसार जन्मप्रमाण पत्र और आधार कार्ड में जन्मतिथि में अंतर होने के स्थिति में विद्यार्थियों के दाखिले नहीं हो पाएंगे। इससे शिक्षकों का दाखिला करना दूभर हो जाएगा। हालांकि एमआइएस पोर्टल पर परिवार पहचान पत्र का जो डाटा अपलोड हो रहा है, उसमें संशोधन का भी आप्शन नहीं है।
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बोर्ड कक्षाओं के मद्देनजर हरियाणा बोर्ड की ओर से यह फैसला लिया गया है। इस फैसले से भविष्य में विद्यार्थियों को अंकतालिका में त्रुटियां दूर कराने से संबंधित समस्याओं से राहत मिलेगी।
- डा. खुशीराम यादव, उप जिला शिक्षा अधिकारी