लुधियाना के सरकारी स्कूल में बारहवीं की छात्रा को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपी शिक्षक की जमानत याचिका पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिरे से खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने कहा कि नाबालिग से दुष्कर्म संगीन अपराध है और आरोपी अग्रिम जमानत का हकदार नहीं है।
आरोपी शिक्षक दिनेश कुमार ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में कहा था कि वह छात्रा के साथ सहमति संबंध में था। इस प्रकार सहमति संबंध में रहने को दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता आरोपी शिक्षक की सभी दलीलों को ख़ारिज करते हुए कहा कि उस पर संगीन आरोप हैं।
ऐसे संगीन आरोपी को किसी भी कीमत पर अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है। इस मामले की सही तरीके से निष्पक्ष जांच हो इसके लिए आरोपी को जमानत देना सही नहीं होगा। आरोपी को अग्रिम जमानत दी गई तो वह न सिर्फ जांच को प्रभावित कर सकता है बल्कि जमानत का फायदा उठाकर न्यायिक प्रक्रिया से भाग भी सकता है।
शिक्षक पर आरोप है कि उसने बारहवीं की एक नाबालिग छात्रा को शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया था। बाद में जब पीड़िता ने शादी की बात की तो वह न सिर्फ उसे बल्कि उसके परिवार को भी धमकियां देने लगा। इससे परेशान होकर छात्रा के परिवार ने शिक्षक पर पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करवा दी थी।