आगामी सुनवाई 16 नवम्बर को-नवचयनित 9455 जेबीटी के एमए 2
नम्बर से सबंधित केस में चयनित जेबीटी के द्वारा केस में पार्टी बनने के
लिए लगाई गई एप्लीकेशन पर आज सुनवाई हुई। अधिवक्ता अनुराग गोयल के साथ पेश
हुए सीनियर अधिवक्ता संजय कौशल ने बहस करते हुए कहा कि नियुक्ति पर स्टे के
अंतरिम आदेशों के कारण चयनित जेबीटी को
पिछले डेढ़ साल से नियुक्ति नहीं मिल पा रही है
और स्टे ऑर्डर के चलते प्रभावित पक्ष के नाते उन्हें भी केस में पार्टी बनने की अनुमति दी जाए व स्टे हटाया जाए। जिसका प्रतिवादी पक्षों के वकीलों ने यह कर कड़ा विरोध किया कि इनका केस से कोई वास्ता नहीं है और ये तो भर्ती बोर्ड/कमीशन से जुड़ा मामला है जो कि इस केस में पहले से ही पार्टी है और अपना पक्ष रख रहे है। इस पर जस्टिस दीपक सिब्बल की बेंच ने प्रतिवादी वकील को ये कह कर झिड़क दिया कि ये चयनितजेबीटी उम्मीदवार है व मामले से सर्वाधिक प्रभावित है इसलिए इनको पूरा हक है केस में पार्टी बनने का। वरिष्ठ अधिवक्ता संजय कौशल ने बहस जारी रखते हुए कहा कि 30 मार्च 2011 को हाईकोर्ट ने रेगुलर जेबीटी भर्ती के आदेश दिए थे और आज साढ़े 4 साल से भी ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन स्टे के कारण भर्ती पूरी नहीं हो पा रही। सुप्रीम कोर्ट भी 2 बार तय समय अवधि में भर्ती पूरी करने के आदेश दे चुका है। करीबन 10000 जेबीटी चयनित शिक्षक डेढ़ साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे है और भारी आर्थिक एवं मानसिक पीड़ा भुगत रहे है जिस पर जस्टिस दीपक सिब्बल ने कहा कि उनकी सहानुभूति भी चयनित शिक्षकों के साथ है लेकिन जाँच रिपोर्ट पर भी गौर करना जरूरी है। बहस में सीनियर अधिवक्ता संजय कौशल ने कहा कि पिछले साढ़े 4 साल से 10000 जेबीटी शिक्षकों की कमी के चलते स्कूलों में बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे है। बहस के बाद बेंच ने पार्टी बनने की एप्लीकेशन स्वीकार कर ली और सभी पक्षों को जाँच रिपोर्ट को पढ़ कर तैयार हो कर दीवाली के बाद 16 नवम्बर को आने को कहा। सरकार की और से अधिवक्ता हरीश राठी ने लंच के बाद मुख्य केस पर बहस करवाने व स्टे हटाने का आग्रह किया लेकिन बेंच ने उनका आग्रह स्वीकार नहीं किया। आज बेंच ने अधिवक्ता जगबीर मलिक को एमए 2 नम्बर वाले केस में कोर्ट की सहायता/असिस्ट करने को कहा है। आगामी 16 नवम्बर की सुनवाई में अधिवक्ता जगबीर मलिक इस मामले में कोर्ट की सहायता करते हुए कोर्ट को अपने विचार/सुझाव देंगे जिन पर कोर्ट विचार कर सकती है
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और स्टे ऑर्डर के चलते प्रभावित पक्ष के नाते उन्हें भी केस में पार्टी बनने की अनुमति दी जाए व स्टे हटाया जाए। जिसका प्रतिवादी पक्षों के वकीलों ने यह कर कड़ा विरोध किया कि इनका केस से कोई वास्ता नहीं है और ये तो भर्ती बोर्ड/कमीशन से जुड़ा मामला है जो कि इस केस में पहले से ही पार्टी है और अपना पक्ष रख रहे है। इस पर जस्टिस दीपक सिब्बल की बेंच ने प्रतिवादी वकील को ये कह कर झिड़क दिया कि ये चयनितजेबीटी उम्मीदवार है व मामले से सर्वाधिक प्रभावित है इसलिए इनको पूरा हक है केस में पार्टी बनने का। वरिष्ठ अधिवक्ता संजय कौशल ने बहस जारी रखते हुए कहा कि 30 मार्च 2011 को हाईकोर्ट ने रेगुलर जेबीटी भर्ती के आदेश दिए थे और आज साढ़े 4 साल से भी ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन स्टे के कारण भर्ती पूरी नहीं हो पा रही। सुप्रीम कोर्ट भी 2 बार तय समय अवधि में भर्ती पूरी करने के आदेश दे चुका है। करीबन 10000 जेबीटी चयनित शिक्षक डेढ़ साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे है और भारी आर्थिक एवं मानसिक पीड़ा भुगत रहे है जिस पर जस्टिस दीपक सिब्बल ने कहा कि उनकी सहानुभूति भी चयनित शिक्षकों के साथ है लेकिन जाँच रिपोर्ट पर भी गौर करना जरूरी है। बहस में सीनियर अधिवक्ता संजय कौशल ने कहा कि पिछले साढ़े 4 साल से 10000 जेबीटी शिक्षकों की कमी के चलते स्कूलों में बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे है। बहस के बाद बेंच ने पार्टी बनने की एप्लीकेशन स्वीकार कर ली और सभी पक्षों को जाँच रिपोर्ट को पढ़ कर तैयार हो कर दीवाली के बाद 16 नवम्बर को आने को कहा। सरकार की और से अधिवक्ता हरीश राठी ने लंच के बाद मुख्य केस पर बहस करवाने व स्टे हटाने का आग्रह किया लेकिन बेंच ने उनका आग्रह स्वीकार नहीं किया। आज बेंच ने अधिवक्ता जगबीर मलिक को एमए 2 नम्बर वाले केस में कोर्ट की सहायता/असिस्ट करने को कहा है। आगामी 16 नवम्बर की सुनवाई में अधिवक्ता जगबीर मलिक इस मामले में कोर्ट की सहायता करते हुए कोर्ट को अपने विचार/सुझाव देंगे जिन पर कोर्ट विचार कर सकती है

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