चंडीगढ़.सरकारी स्कूलों में लगे सरप्लस गेस्ट टीचरों की 31 मार्च के बाद विदाई हो सकती है। सरकार ने इनकी सेवाएं अगस्त तक बढ़ाने की अर्जी लगाई थी, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस पर राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने मौखिक टिप्पणियां करते हुए कहा, ‘सरकार बताए कौन सो रहा है, जिसकी वजह से छह महीने में भी नियमित भर्ती नहीं हो पाई।
कोर्ट को वोट बैंक से लेना देना नहीं, कानून के अनुसार फैसला होगा।’ इस संबंध में स्टेट रिपोर्ट तलब करते हुए 27 अप्रैल को सुनवाई रखी है। 20 नवंबर 2015 में सरकार की अर्जी पर हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2016 तक गेस्ट टीचरों की सेवाएं बहाल रखने की अनुमति दी थी। इस आदेश में कोर्ट ने कहा था कि इस अवधि के बाद गेस्ट टीचरों की सेवाएं स्वत: समाप्त हो जाएंगी।
सरकार की तरफ से अर्जी दायर कर कहा कि कोर्ट सरप्लस गेस्ट टीचर को 31 मार्च के बाद काम करने की इजाजत दे। दलील यह दी कि शिक्षा विभाग स्थाई टीचरों की भर्ती कर रहा है और भर्ती प्रक्रिया फिलहाल जारी है। इस प्रकिया में कुछ समय लग सकता है। ऐसे में हाईकोर्ट उनको अगस्त माह तक काम करने की और इजाजत दे। पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को गेस्ट टीचरों को हटाने के आदेश दिए थे। इन आदेशों के बाद भी सरकार ने इन शिक्षकों की सेवाओं को जारी रखा था। इस पर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने गेस्ट टीचर्स के बारे में ब्यौरा मांगा था। इसके बाद बताया गया था कि 3,581 गेस्ट टीचर शिक्षा विभाग में सरप्लस हैं। हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि उन्हें बच्चों की पढ़ाई की चिंता है, जिनकी पढ़ाई शिक्षकों की कमी से प्रभावित हो रही है।
सरकार की तरफ से अर्जी दायर कर कहा कि कोर्ट सरप्लस गेस्ट टीचर को 31 मार्च के बाद काम करने की इजाजत दे। दलील यह दी कि शिक्षा विभाग स्थाई टीचरों की भर्ती कर रहा है और भर्ती प्रक्रिया फिलहाल जारी है। इस प्रकिया में कुछ समय लग सकता है। ऐसे में हाईकोर्ट उनको अगस्त माह तक काम करने की और इजाजत दे। पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को गेस्ट टीचरों को हटाने के आदेश दिए थे। इन आदेशों के बाद भी सरकार ने इन शिक्षकों की सेवाओं को जारी रखा था। इस पर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने गेस्ट टीचर्स के बारे में ब्यौरा मांगा था। इसके बाद बताया गया था कि 3,581 गेस्ट टीचर शिक्षा विभाग में सरप्लस हैं। हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि उन्हें बच्चों की पढ़ाई की चिंता है, जिनकी पढ़ाई शिक्षकों की कमी से प्रभावित हो रही है।
रेगुलर शिक्षकों की भर्ती तक गेस्ट टीचरों को काम करने दिया जाए, लेकिन सरप्लस टीचर्स को हटाया जाए।
हाईकोर्ट के आदेशों पर हरियाणा सरकार ने इन सरप्लस टीचर्स की सेवाओं को समाप्त कर दिया था। इसी दौरान हरियाणा सरकार और सरप्लस गेस्ट टीचर नए आंकड़ों के साथ फिर से हाईकोर्ट पहुंचे थे, जिसमें कहा गया था कि वे सरप्लस नहीं हैं। हाईकोर्ट ने इस पर हरियाणा सरकार को अंडरटेकिंग देने को कहा था कि वे 31 मार्च 2016 तक रेगुलर टीचर्स की भर्ती प्रक्रिया पूरी करेंगे और 31 मार्च के बाद कोई गेस्ट टीचर्स नौकरी में नहीं रखा जाएगा।
8115 पीजीटी की भर्ती में सुस्ती : सरकार ने 31 मार्च 2016 तक पोस्ट ग्रेजुएट टीचरों (पीजीटी) के 8115 पदों पर नियमित भर्ती करने का शपथपत्र हाईकोर्ट में दिया था। अभी तक भर्ती बोर्ड टीजीटी के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट ले रहा है। ऐसे में नियमित भर्ती में अभी समय लगना तय है।
सरकार पर अवमानना की तलवार
बर्खास्त गेस्ट टीचरों की सेवाएं बहाल करने के लिए नवंबर में सरकार ने हाईकोर्ट में तर्क दिया था कि सरकारी स्कूलों में पोस्ट ग्रेजुएट टीचरों (पीजीटी) की कमी है, इसलिए इन गेस्ट टीचरों की सेवाएं 9वीं व 10वीं कक्षाएं पढ़ाने के लिए ली जाएंगी। इस मामले में प्रतिवादी बिजेंद्र कुमार की ओर से आरटीआई से जुटाई जानकारी कोर्ट में पेश की गई। जिसके मुताबिक सरकार ने इनमें से 70 फीसदी सरप्लस गेस्ट टीचरों को मिडिल स्कूलों में एडजस्ट किया। मिडिल में आठवीं तक कक्षाएं होती हैं।