8वीं के बाद अब 9वीं से 12वीं तक भी स्टूडेंट्स को फ्री एजुकेशन मिलेगी।
इसमें केवल गर्ल्स स्टूडेंट्स को शामिल किया जाएगा। जिले के गवर्नमेंट
स्कूलों में पढऩे वाली छात्राओं के लिए जिला शिक्षा विभाग अपने स्तर पर
मेरी लाडो करे पढ़ाई योजना शुरू करने जा रही है। इसके लिए होमवर्क शुरू कर
दिया है।
इसमें विभिन्न कंपनियों के द्वारा सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के तहत मदद ली जाएगी। इसके अलावा पंचायत से भी मदद लेने के लिए विभाग अभियान शुरू करेगा।
राइट टू एजुकेशन के तहत हरियाणा में 2011 से पहली से अाठवीं तक के सभी गर्ल्स और बॉयज स्टूडेंट्स को फ्री एजुकेशन दी जाती है। जिसमें बुक्स, ड्रैस के साथ-साथ स्कॉलरशिप जैसी कई सुविधाएं भी स्टूडेंट्स को मिलती आई हैं। लेकिन 8वीं के बाद कई स्टूडेंट्स आर्थिक स्थिती ठीक न होने के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पाती हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं को 12वीं तक की एजुकेशन के लिए पूरी हेल्प की जाएगी।
9वीं से 12वीं क्लास तक एक स्टूडेंट्स को औसतन 750 रुपये प्रति वर्ष खर्च होता है, जो कि 11वीं और 12वीं में हजार से 12 सौ तक हो जाता है। लेकिन अंडर-प्रिवलेज तबके और प्रवासी परिवार इस फीस को देने में भी असमर्थ होते हैं। जिसकी वजह से छात्राएं स्कूल छोड़ देती है। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने इस नई योजना की शुरुआत करने का खाका तैयार किया है।
प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के आंकड़ों के मुताबिक जिले में करीब 18 हजार छात्राएं है। शुरूआत में प्रति छात्रा पर 750 रुपये खर्च होता है। इस हिसाब से 1.35 करोड़ की जरुरत होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग अलग से वेबसाइट तैयार कर रहा है। इसमें एक व्यक्ति, कोई संगठन, गैर सरकारी संगठन, कॉरपोरेट कंपनियां और गांव के सरंपच आदि से मदद मांगी जा रही है। इस काम के लिए शिक्षा विभाग अपने शिक्षकों से भी मदद मांग रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी मनोज कौशिक ने बताया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरुआत की जा रही है। अगर कोई एक छात्रा की फीस का खर्च उठाना चाहता है, तो उसका दानवीर के रूप में नाम प्रकाशित किया जाएगा। वेबसाइट पर इसका ब्यौरा दिया जाएगा। इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही जिले में इसे लागू कर दिया जाएगा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इसमें विभिन्न कंपनियों के द्वारा सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के तहत मदद ली जाएगी। इसके अलावा पंचायत से भी मदद लेने के लिए विभाग अभियान शुरू करेगा।
राइट टू एजुकेशन के तहत हरियाणा में 2011 से पहली से अाठवीं तक के सभी गर्ल्स और बॉयज स्टूडेंट्स को फ्री एजुकेशन दी जाती है। जिसमें बुक्स, ड्रैस के साथ-साथ स्कॉलरशिप जैसी कई सुविधाएं भी स्टूडेंट्स को मिलती आई हैं। लेकिन 8वीं के बाद कई स्टूडेंट्स आर्थिक स्थिती ठीक न होने के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पाती हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं को 12वीं तक की एजुकेशन के लिए पूरी हेल्प की जाएगी।
9वीं से 12वीं क्लास तक एक स्टूडेंट्स को औसतन 750 रुपये प्रति वर्ष खर्च होता है, जो कि 11वीं और 12वीं में हजार से 12 सौ तक हो जाता है। लेकिन अंडर-प्रिवलेज तबके और प्रवासी परिवार इस फीस को देने में भी असमर्थ होते हैं। जिसकी वजह से छात्राएं स्कूल छोड़ देती है। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने इस नई योजना की शुरुआत करने का खाका तैयार किया है।
प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के आंकड़ों के मुताबिक जिले में करीब 18 हजार छात्राएं है। शुरूआत में प्रति छात्रा पर 750 रुपये खर्च होता है। इस हिसाब से 1.35 करोड़ की जरुरत होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग अलग से वेबसाइट तैयार कर रहा है। इसमें एक व्यक्ति, कोई संगठन, गैर सरकारी संगठन, कॉरपोरेट कंपनियां और गांव के सरंपच आदि से मदद मांगी जा रही है। इस काम के लिए शिक्षा विभाग अपने शिक्षकों से भी मदद मांग रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी मनोज कौशिक ने बताया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरुआत की जा रही है। अगर कोई एक छात्रा की फीस का खर्च उठाना चाहता है, तो उसका दानवीर के रूप में नाम प्रकाशित किया जाएगा। वेबसाइट पर इसका ब्यौरा दिया जाएगा। इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही जिले में इसे लागू कर दिया जाएगा।
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