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फर्जी दस्तावेज पर शिक्षक अवार्ड लेने वाले गुरुजी की बढ़ी दिक्कतें

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : फर्जी दस्तावेजों के आधार पर राज्य शिक्षक अवार्ड हासिल करने वाले अंबाला के पीजीटी लेक्चरर की दिक्कतें बढ़ गई हैं। डीसी प्रभजोत ¨सह ने दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचार को संज्ञान में लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी उमा शर्मा से इस बारे में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
राज्यस्तरीय अवार्ड लेने के बाद इस गुरुजी की लालसा इतनी बढ़ गई की उन्हीं फर्जी दस्तावेजों पर नेशनल अवार्ड लेने की भी ठान ली, लेकिन गुरुजी का यह फर्जीवाड़ा इस बार नहीं टिक पाया। नेशनल अवार्ड में फर्जीवाड़ा पकड़ में आया तो गुरुजी ने राज्यस्तरीय अवार्ड में भी फर्जीवाड़ा किया हुआ है मामला उजागर हो गया।
दरअसल, वर्ष 2013 में इन गुरुजी को राज्यस्तरीय शिक्षक अवार्ड से नवाजा गया गया था। जबकि वर्ष 2011-12 में इनके फाइल को तत्कालीन डीईओ ने रद कर दिया था। लेकिन वर्ष 2013 में तत्कालीन डीइओ का तबादला हुआ और नई डीईओ आई तो मिलीभगत से आवेदन पास कर गुरुजी को राज्य शिक्षक पुरस्कार दिला दिया गया। इसी आधार पर इन गुरुजी को न केवल 50 हजार रुपये पुरस्कार मिला बल्कि दो साल सर्विस बढ़ोतरी का तोहफा भी मिल गया। अब इस मामले में जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लेकर उच्चस्तर तक के अधिकारियों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है। जागरण ने 26 मई और 29 मई के अंक में इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया।
25 मई को बुलाई थी डीईओ कार्यालय में बैठक
इन गुरुजी ने इस बार भी खेल-खेल दिया था। जिला शिक्षा अधिकारी उमा शर्मा विदेशी यात्रा पर गई थी। इसका फायदा शिक्षक ने उठाया। वर्ष 2016 में जिला शिक्षा अधिकारी उमा शर्मा ने इस शिक्षक के आवेदन को फर्जी पाया था और उन्हें आवेदन रिजेक्ट कर दिया था, लेकिन तब भी जांच नहीं कराई गई। शिक्षक ने सोचा कि उमा शर्मा यहां नहीं हैं इसीलिए उन्होंने 17 मई को शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलकर अपना आवेदन जमा करा दिया जबकि आवेदन जमा कराने की अंतिम तारीख 15 मई थी। शिक्षक से दो दिन बात आवेदन क्यों लिया गया? क्यों उस बैठक में इस शिक्षक को शामिल किया गया जिसमें उसके आवेदन की स्क्रूटनी होनी थी। बैठक में शामिल किए गए डाइट मोहड़ा के ¨प्रसिपल ने इस शिक्षक के आवेदन को मौके पर ही फर्जी बताया था वह छुट्टी पर थे लेकिन अचानक आ गए। यदि नहीं आते तो शेष कमेटी आवेदन को पास कर देती। शिक्षक को इस बात का पता था। पूरी प्ला¨नग में जिले के कई अधिकारी भी शामिल हैं।

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