नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से स्किल इंडिया पर दिए जा रहे जोर को देखते हुए अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने इसे माध्यमिक स्तर पर लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो अगले सत्र में सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त देशभर के स्कूलों में नौवीं-दसवीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पांच के बजाय छह विषय अनिवार्य रूप से अध्ययन के लिए उपलब्ध होंगे।
छठा विषय पूरी तरह से वोकेशनल इलेक्टिव होगा और इसके लिए बोर्ड विद्यार्थियों को चुनाव का अवसर भी उपलब्ध कराएगा।
सीबीएसई की प्रबंध समिति ने इस संबंध में एक प्रस्ताव के माध्यम से कवायद शुरू कर दी है। प्रस्ताव में इस नई शुरुआत को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है और स्किल इंडिया अभियान के अंतर्गत स्कूल स्तर पर वोकेशनल विषयों के अध्ययन पर जोर दिया गया है। यहां बता दें कि अभी स्कूलों में नौवीं-दसवीं कक्षा में विद्यार्थियों को पांच विषय ही पढ़ने होते हैं। इस संबंध में रोहिणी स्थित माउंट आबू पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा कहती हैं कि यकीनन वोकेशनल विषय विद्यार्थियों में पढ़ाई से इतर स्किल विकसित करने के लिए जरूरी है। वह कहती है कि अभी इस विषय में नौवीं -दसवीं के स्तर पर विचार हो रहा है, लेकिन उन्हें यकीन है कि यह उच्चतर माध्यमिक स्तर पर भी जल्द ही लागू होगा। ज्योति अरोड़ा कहती है कि आज के दौर में एकेडमिक विषयों के साथ-साथ विद्यार्थियों को वोकेशनल विषय भी पढ़ाया जाना जरूरी है और इस दिशा में सीबीएसई की ओर से की गई पहल उपयोगी साबित होगी।
दाखिले में भी होगा मददगार :
विशेषज्ञों की माने तो नौवीं-दसवीं के स्तर पर होने वाली यह शुरुआत बारहवीं तक जारी रहने की सूरत में ग्रेजुएशन के स्तर पर दाखिले में मददगार साबित होगी। दिल्ली विश्वविद्यालय में डिप्टी डीन छात्र कल्याण डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा बताते है कि हमारे यहां दाखिले के समय प्रोग्राम कोर्सेज में एक वोकेशनल विषय के साथ एक भाषा व दो एकेडिमिक विषय स्वीकार्य है ऐसे में वोकेशनल कोर्सेज में मिलने वाले अच्छे नंबर विद्यार्थियों को डीयू के विभिन्न कॉलेजों में दाखिले के लिए आने वाली कटऑफ में जगह बनाने में मददगार साबित होंगे।
कमेटी होगी गठित, फीडबैक भी लिया जाएगा :
नौवीं-दसवीं में छठीं अनिवार्य विषय के तौर पर वोकेशनल विषयों को शामिल करने के मामले में बोर्ड की प्रबंध समिति ने एक कमेटी भी गठित करने का फैसला किया है। यह कमेटी इस विषय में विस्तार से काम करेगी और इसकी रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में बोर्ड आगे निर्णय करेगा। बोर्ड ने कमेटी के साथ-साथ इस बदलाव को लेकर स्कूल प्रिंसिपलों से भी फीडबैक लेने का निर्णय किया हैं।
ये नौ वोकेशनल विषय होंगे उपलब्ध :
बोर्ड द्वारा अपनी इस पहल के लिए करीब नौ विषय तय भी किए गए हैं, जिन्हें वोकेशनल इलेक्टिव सब्जेक्ट के तौर पर पाठ्यक्रम में जगह दी जाएगी। इन विषयों में इंजीनियरिंग साइंस, ऑटोशॉप रिपेयर एंड प्रैक्टिस, फूड न्यूटिशन एंड डाइटिक्स, लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन एंड सप्लाई चेन मैनेजमेंट, बेसिक हॉर्टिकल्चर, आर्ट एंड साइंस ऑफ मेकअप एंड रिटेल, बेसिक इलेक्टिीसिटी, वेब एप्लिकेशन और एलिमेंट्स ऑफ सिविल इंजीनियरिंग शामिल हैं। इन विषयों के नामों को सब्जेक्ट कमेटी द्वारा तय किए जाने की भी बात है।
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छठा विषय पूरी तरह से वोकेशनल इलेक्टिव होगा और इसके लिए बोर्ड विद्यार्थियों को चुनाव का अवसर भी उपलब्ध कराएगा।
सीबीएसई की प्रबंध समिति ने इस संबंध में एक प्रस्ताव के माध्यम से कवायद शुरू कर दी है। प्रस्ताव में इस नई शुरुआत को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है और स्किल इंडिया अभियान के अंतर्गत स्कूल स्तर पर वोकेशनल विषयों के अध्ययन पर जोर दिया गया है। यहां बता दें कि अभी स्कूलों में नौवीं-दसवीं कक्षा में विद्यार्थियों को पांच विषय ही पढ़ने होते हैं। इस संबंध में रोहिणी स्थित माउंट आबू पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा कहती हैं कि यकीनन वोकेशनल विषय विद्यार्थियों में पढ़ाई से इतर स्किल विकसित करने के लिए जरूरी है। वह कहती है कि अभी इस विषय में नौवीं -दसवीं के स्तर पर विचार हो रहा है, लेकिन उन्हें यकीन है कि यह उच्चतर माध्यमिक स्तर पर भी जल्द ही लागू होगा। ज्योति अरोड़ा कहती है कि आज के दौर में एकेडमिक विषयों के साथ-साथ विद्यार्थियों को वोकेशनल विषय भी पढ़ाया जाना जरूरी है और इस दिशा में सीबीएसई की ओर से की गई पहल उपयोगी साबित होगी।
दाखिले में भी होगा मददगार :
विशेषज्ञों की माने तो नौवीं-दसवीं के स्तर पर होने वाली यह शुरुआत बारहवीं तक जारी रहने की सूरत में ग्रेजुएशन के स्तर पर दाखिले में मददगार साबित होगी। दिल्ली विश्वविद्यालय में डिप्टी डीन छात्र कल्याण डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा बताते है कि हमारे यहां दाखिले के समय प्रोग्राम कोर्सेज में एक वोकेशनल विषय के साथ एक भाषा व दो एकेडिमिक विषय स्वीकार्य है ऐसे में वोकेशनल कोर्सेज में मिलने वाले अच्छे नंबर विद्यार्थियों को डीयू के विभिन्न कॉलेजों में दाखिले के लिए आने वाली कटऑफ में जगह बनाने में मददगार साबित होंगे।
कमेटी होगी गठित, फीडबैक भी लिया जाएगा :
नौवीं-दसवीं में छठीं अनिवार्य विषय के तौर पर वोकेशनल विषयों को शामिल करने के मामले में बोर्ड की प्रबंध समिति ने एक कमेटी भी गठित करने का फैसला किया है। यह कमेटी इस विषय में विस्तार से काम करेगी और इसकी रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में बोर्ड आगे निर्णय करेगा। बोर्ड ने कमेटी के साथ-साथ इस बदलाव को लेकर स्कूल प्रिंसिपलों से भी फीडबैक लेने का निर्णय किया हैं।
ये नौ वोकेशनल विषय होंगे उपलब्ध :
बोर्ड द्वारा अपनी इस पहल के लिए करीब नौ विषय तय भी किए गए हैं, जिन्हें वोकेशनल इलेक्टिव सब्जेक्ट के तौर पर पाठ्यक्रम में जगह दी जाएगी। इन विषयों में इंजीनियरिंग साइंस, ऑटोशॉप रिपेयर एंड प्रैक्टिस, फूड न्यूटिशन एंड डाइटिक्स, लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन एंड सप्लाई चेन मैनेजमेंट, बेसिक हॉर्टिकल्चर, आर्ट एंड साइंस ऑफ मेकअप एंड रिटेल, बेसिक इलेक्टिीसिटी, वेब एप्लिकेशन और एलिमेंट्स ऑफ सिविल इंजीनियरिंग शामिल हैं। इन विषयों के नामों को सब्जेक्ट कमेटी द्वारा तय किए जाने की भी बात है।