रोहतक.एमडीयू में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शारीरिक शिक्षा विभाग के एचओडी पर अनुबंधित एसोसिएट प्रोफेसर ने छेड़छाड़ और उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इसी माह त्यागपत्र दे चुकी भिवानी निवासी शिक्षिका का कहना है कि एचओडी ने उन पर लगातार गलत काम करने के लिए दबाव बनाया। इससे वह मानसिक रूप से बुरी तरह टूट चुकी है।
शिक्षिका ने वीसी को शिकायत देकर मामले की जांच करवाने और अपनी नौकरी दोबारा बहाल करने की मांग की है। वहीं, एचओडी का कहना है कि शिक्षिका ने अपनी मर्जी से नौकरी छोड़ी है और अब इस तरह के आरोप लगाना समझ से परे है। इससे दो दिन पहले एचओडी और एक अनुबंधित एसोसिएट प्रोफेसर व उनकी मां के बीच मारपीट भी हो चुकी है। मां ने एचओडी पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। इस पर भी जांच चल रही है।
भिवानी निवासी शिक्षिका ने वीसी के नाम दी शिकायत में कहा कि वह एमडीयू के शारीरिक शिक्षा विभाग में बतौर सहायक प्रोफेसर थी। गेस्ट फैकल्टी के रूप में वर्ष 2014 में कार्यभार संभाला। दिसंबर 2014 में एग्जाम ड्यूटी के दौरान वर्तमान एचओडी व तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट तैनात थे।
उन्होंने मुझे अपने कैबिन में बुलाया और चार्ट पर हस्ताक्षर करने को कहा। इसके लिए उनसे पेन मांगा तो मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा कि मैं आपको बहुत पसंद करता हूं। मैंने घर पर भी बात बताई। दिसंबर 2015 में आरोपी एचओडी बन गए और वे मुझे परेशान करने लगे। जनवरी 2016 में मेरे मूल प्रमाणपत्र मांग लिए। दो महीने तक नहीं दिए। मेरे मामा ने भी उनसे प्रमाण पत्र मांगे। एचओडी ने कहा कि मैं जल्दी ही वीसी बनने वाला हूं।
मैं उसे पक्की नौैकरी पर लगवा दूंगा। इसके बदले उसे मेरा साथ देना होगा। मेरे बार-बार मांगने पर एचओडी ने प्रमाणपत्र लौटा दिए। छुट्टियों के दौरान मेरे घर पर पत्र लिखे। इनमें मुझे डियर लिखा। बाद में मेरा टाइम टेबल बदलकर सुबह साढ़े छह बजे कर दिया और मुझे रोहतक में रहने और खुद इंतजाम करने की बात कही। इससे तंग आकर छह सितंबर 2016 को अपना त्यागपत्र दे दिया।
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शिक्षिका ने वीसी को शिकायत देकर मामले की जांच करवाने और अपनी नौकरी दोबारा बहाल करने की मांग की है। वहीं, एचओडी का कहना है कि शिक्षिका ने अपनी मर्जी से नौकरी छोड़ी है और अब इस तरह के आरोप लगाना समझ से परे है। इससे दो दिन पहले एचओडी और एक अनुबंधित एसोसिएट प्रोफेसर व उनकी मां के बीच मारपीट भी हो चुकी है। मां ने एचओडी पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। इस पर भी जांच चल रही है।
भिवानी निवासी शिक्षिका ने वीसी के नाम दी शिकायत में कहा कि वह एमडीयू के शारीरिक शिक्षा विभाग में बतौर सहायक प्रोफेसर थी। गेस्ट फैकल्टी के रूप में वर्ष 2014 में कार्यभार संभाला। दिसंबर 2014 में एग्जाम ड्यूटी के दौरान वर्तमान एचओडी व तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट तैनात थे।
उन्होंने मुझे अपने कैबिन में बुलाया और चार्ट पर हस्ताक्षर करने को कहा। इसके लिए उनसे पेन मांगा तो मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा कि मैं आपको बहुत पसंद करता हूं। मैंने घर पर भी बात बताई। दिसंबर 2015 में आरोपी एचओडी बन गए और वे मुझे परेशान करने लगे। जनवरी 2016 में मेरे मूल प्रमाणपत्र मांग लिए। दो महीने तक नहीं दिए। मेरे मामा ने भी उनसे प्रमाण पत्र मांगे। एचओडी ने कहा कि मैं जल्दी ही वीसी बनने वाला हूं।
मैं उसे पक्की नौैकरी पर लगवा दूंगा। इसके बदले उसे मेरा साथ देना होगा। मेरे बार-बार मांगने पर एचओडी ने प्रमाणपत्र लौटा दिए। छुट्टियों के दौरान मेरे घर पर पत्र लिखे। इनमें मुझे डियर लिखा। बाद में मेरा टाइम टेबल बदलकर सुबह साढ़े छह बजे कर दिया और मुझे रोहतक में रहने और खुद इंतजाम करने की बात कही। इससे तंग आकर छह सितंबर 2016 को अपना त्यागपत्र दे दिया।
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