नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और उसके कॉलेजों को अलग-अलग प्रश्नावली भेजने पर डीयू के शिक्षकों ने सवाल उठाया है। डीयू शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्र ने कहा कि यूजीसी की एक प्रश्नावली डीयू कुलपति को तथा दूसरी कॉलेज एवं प्रिंसिपल को भेजी गई है।
यह विश्वविद्यालय के विभागों को कॉलेज से अलग करने की मंशा से किया गया है। अब इस बात में कोई संदेह नहीं है कि ये उच्चशिक्षा को खत्म करने की ओर ले जानेवाला कदम है। प्रश्नावली की जो भाषा है वह विश्वविद्यालय और शिक्षक विरोधी है। प्रश्नावली ने वर्तमान समय के श्रेणीक्रम असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इसमें प्रश्न संख्या आठ में एक शिक्षक का एक संस्था से दूसरे संस्था में स्थानांतरण करने के संबंध में सवाल है। यूजीसी का यह सवाल शिक्षकों के मन में भय पैदा करने वाला और विश्वविद्यालयों, कॉलेजों की स्वायत्तता पर खतरा है। इसलिए इसको लेकर सरकार से हमारा विरोध है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।
लॉ फैकल्टी में पांचवें दिन भी छात्रों का अनशन जारी :
डीयू में लॉ के छात्रों की भूख हड़ताल जारी है। मांगे पूरी न होने तक छात्रों ने भूख हड़ताल जारी रखने की बात कही है। अनशनकारी छात्र निशांत ने बताया कि रविवार को प्राक्टर और ज्वाइंट रजिस्ट्रार ने एक सप्ताह में हमारी समस्या के समाधान की बात कही, लेकिन कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया। जिसके कारण हमारा अनशन जारी है।
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यह विश्वविद्यालय के विभागों को कॉलेज से अलग करने की मंशा से किया गया है। अब इस बात में कोई संदेह नहीं है कि ये उच्चशिक्षा को खत्म करने की ओर ले जानेवाला कदम है। प्रश्नावली की जो भाषा है वह विश्वविद्यालय और शिक्षक विरोधी है। प्रश्नावली ने वर्तमान समय के श्रेणीक्रम असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इसमें प्रश्न संख्या आठ में एक शिक्षक का एक संस्था से दूसरे संस्था में स्थानांतरण करने के संबंध में सवाल है। यूजीसी का यह सवाल शिक्षकों के मन में भय पैदा करने वाला और विश्वविद्यालयों, कॉलेजों की स्वायत्तता पर खतरा है। इसलिए इसको लेकर सरकार से हमारा विरोध है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।
लॉ फैकल्टी में पांचवें दिन भी छात्रों का अनशन जारी :
डीयू में लॉ के छात्रों की भूख हड़ताल जारी है। मांगे पूरी न होने तक छात्रों ने भूख हड़ताल जारी रखने की बात कही है। अनशनकारी छात्र निशांत ने बताया कि रविवार को प्राक्टर और ज्वाइंट रजिस्ट्रार ने एक सप्ताह में हमारी समस्या के समाधान की बात कही, लेकिन कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया। जिसके कारण हमारा अनशन जारी है।
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