पानीपत/यमुनानगर, जागरण संवाददाता। सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को पढ़ाने वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों को बिना किसी कारण हटाए जाने को लेकर शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मिला। इस दौरान मंत्री को मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया। शिक्षा मंत्री ने सेवानिवृत्त शिक्षकों की समस्या को सुनी। साथ ही इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान किए जाने का आश्वासन दिया।
दरअसल, सरकार की ओर से हर वर्ष स्कूलों में सेवानिवृत्त शिक्षकों को विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए रखा जाता है। इन शिक्षकों को उन स्कूलों में तैनात किया जाता है, जहां पर पहले से शिक्षकों की कमी है। एक वर्ष के अनुबंध पर इन शिक्षकों को रखा जाता है। इस बार भी जुलाई माह में सेवानिवृत्त शिक्षकों को रखा गया। दो जुलाई को प्रदेश में 1130 शिक्षक रखे गए थे, लेकिन आठ जुलाई को इन शिक्षकों को हटाने के संबंध में आदेश जारी कर दिए गए।
शिक्षकों को दोबारा रखा जाएगा
सेवानिवृत्त शिक्षकों को हटाने का कोई कारण भी नहीं बताया गया। अधिकारियों की मानें, तो इन शिक्षकों को कौशल निगम पोर्टल के माध्यम से दोबारा रखा जाएगा। पहले इन शिक्षकों को ईआरटीएस पोर्टल के माध्यम से रखा जाता था, लेकिन अब यह पोर्टल बंद कर दिया गया है।
यह दिया गया ज्ञापन
ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार की पुनर्नियुक्ति पालिसी सराहनीय, लेकिन पुनर्नियुक्ति की व्यवस्था की अनिश्चितता व शिक्षा के क्षेत्र में सेवानिवृत्त अध्यापकों से पूर्ण रूप से कार्य न लेने से शिक्षा का कार्य अधूरा नजर आता है। गत सत्र में भी अक्टूबर से फरवरी तक मात्र पांच महीने ही शिक्षा का कार्य लिया गया। फरवरी के अंत में बिना किसी कारण से शिक्षकों को रिलीव कर दिया गया। जिससे मार्च महीने में शिक्षा कार्य भी प्रभावित हुआ।
जुलाई माह में की थी ज्वाइनिंग
जुलाई माह में सेवानिवृत्त शिक्षकों को लगाया गया था। पांच दिन बाद ही उन्हें हटा दिया गया। जबकि पांच दिन की नियुक्ति में ही सेवानिवृत्त शिक्षकों की वजह से स्कूलों में काफी दाखिले हुए। इसलिए इस पुनर्नियुक्ति व्यवस्था को सुचारु चलाया जाए। जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो। इस दौरान रामनाथ बंसल, रामरतन धीमान, सुरेश ग्रोवर, विनोद त्यागी आदि भी मौजूद रहे।