पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत कार्य कर रहे प्राथमिक शिक्षकों को न्यूनतम वेतन से भी कम भुगतान करने का संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही हाईकोर्ट में लंबित ऐसे सभी मामलों की जानकारी भी तलब की है।
वर्षों से सर्व शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत हरजीत कौर व अन्य द्वारा एडवोकेट नीतेश सिंगला के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए बताया कि उन्हें 2003 से 2011 के बीच पंजाब एजुकेशन डेवलपमेंट कमेटी द्वारा ईजीएस, एआईईएसटीआर टीचर/वालंटियर के पद पर एक हजार रुपये मासिक वेतन पर नियुक्त किया गया था। नियुक्ति से अब तक याचिकाकर्ता सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं। याची पक्ष ने कहा कि वह सीधे तौर पर डायरेक्टर जनरल स्कूल एजुकेशन व सर्व शिक्षा अभियान के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर के अधीन काम कर रहे हैं।
नियमित शिक्षकों के चौथे हिस्से से भी कम भुगतान
सिंगला ने बताया कि यह सभी शिक्षक पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं को पढ़ाते हैं और नियमित शिक्षकों के शिक्षण वाला कार्य ही करते हैं। इस सब के बावजूद इन्हे नियमित शिक्षकों के चौथे हिस्से से भी कम भुगतान होता है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वह तो डेढ़ दशक से अपनी सेवाएं दे रहे हैं बावजूद उन्हें प्रतिमाह 6 हजार रुपये वेतन भी नहीं मिल रहा है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह साफ है कि इन शिक्षकों को पंजाब सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। हाईकोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब सरकार से जवाब तलब कर लिया है। साथ ही इस मामले में लंबित ऐसे सभी मामलों की जानकारी तलब कर ली है।